विकास की बुलंदियों को छू रहे बेंगलुरु के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है. तमाम
विवादों, विरोधों और परीक्षणों से गुजरने के बाद लगभग 1,540 करोड़ की
लागत से आख़िरकार मेट्रो रेल पटरी पर दौड़ी.इसके साथ ही बेंगलुरु अत्याधुनिक
परिवहन व्यस्था वाला देश का तीसरा महानगर बन गया. यह एक संयोग ही है की
मेट्रो रेल सबसे पहले उन महानगरों में चल रही है जो सर्वधर्म समभाव व्
बहुरंगी संस्कृति के पोषक हैं. ·कोलकाता व् दिल्ली की तरह बेंगलुरु में भी
पूरे देश की सांस्कृतिक विविधता के दर्शन होते हैं. यही इसके बेजोड़ विकास
का कारण भी है. जहाँ तक बेंगलुरु की परिवहन व्यवस्था का सवाल है, वर्ष 1940
में बेंगलुरु ट्रांसपोर्ट कंपनी की स्थापना के साथ ही सार्वजनिक यातायात
व्यवस्था की शुरुआत हुई थी, लगभग 98 सरकारी बसें सड़कों पर दौड़ी थी. लगभग
71 साल बाद परिवहन व्यस्था में व्यापक बदलाव हो रहा है.परिवहन विकास की
धुरी है.अधिकांश सभ्यताओं का विकास नदियों के किनारे हुआ क्योंकि वहां
आवागमन के साधन सुलभ थे. आधुनिक समय में भी आधारभूत ढांचा ही विकास की
मुख्य शर्त है.
नम्मा मेट्रो का जोरदार स्वागत स्वाभाविक है. यह भारी यातायात से कराहते शहर के लिए उम्मीद लेकर आई है.स्वागत है नम्मा मेट्रो.
अन्ततः कल चल ही गयी।
ReplyDeleteज़ोरदार आगाज़ हुआ है 'नम्मा मेट्रो ' का ! बधाई !
ReplyDeleteit will be very useful to Banglorian.
ReplyDeleteTHANKS FOR AN HISTORICAL KNOWLEDGE OF BENGLORE TRAFIC SYSTEM !
ReplyDeleteCONGRETULATION TO ALL BANGLORIANS !!
HAPPY DIPAWALI !!!